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व्याजस्तुति अलंकार और व्याजनिन्दा अलंकार क्या होते हैं?

(447)     2517

उपरोक्त लेख में व्याजस्तुति अलंकार और व्याजनिन्दा अलंकार के बारे में जानकारी दी गई है।

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प्रत्यय क्या है? | कृदन्त और तदिधत प्रत्यय || महत्वपूर्ण प्रत्यय एवं उनके उदाहरण

(436)     1976

वे शब्द या शब्दांश जो मूल शब्द या धातु के अन्त में लगाये जाते हैं, प्रत्यय कहलाते हैं।

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संयोग श्रृंगार और वियोग श्रृंगार क्या होते हैं?

(432)     29466

नायक और नायिका के सौन्दर्य तथा प्रेम सम्बन्धी परिपक्व अवस्था फो श्रृंगार रस कहते हैं। श्रृंगार रस का स्थायी भाव रति है।

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उपमा, रूपक और उत्प्रेक्षा अलंकार

(431)     11457

इस लेख में उपमा, रूपक और उत्प्रेक्षा अलंकारों के बारे में जानकारी दी गई है।

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अलंकार क्या है? | वक्रोक्ति, अतिशयोक्ति और अन्योक्ति अलंकार

(428)     2485

काव्य की शोभा बढ़ाने वाले तत्वों या धर्मों को अलंकार कहा जाता है।

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भाषा क्या है? | भाषा की परिभाषाएँ और विशेषताएँ

(427)     17297

'भाषा' शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के 'भाष' धातु से हुई है। भाष का शाब्दिक अर्थ 'बोलना' होता है।

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परिमाणवाचक, व्यक्तिवाचक और विभागवाचक विशेषण

(319)     1541

इस लेख में विशेषणों के बारे में जानकारी दी गई है।

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संख्यावाचक विशेषण | निश्चित और अनिश्चित विशेषण || पूर्णांकबोधक और अपूर्णांकबोधक विशेषण

(318)     3827

वे विशेषण जिनसे संज्ञा या सर्वनाम की संख्या का बोध होता है, 'संख्यावाचक विशेषण' कहलाते हैं।

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गुणवाचक विशेषण और संकेतवाचक (सार्वनामिक) विशेषण

(309)     5167

इस लेख में गुणवाचक विशेषण और संकेतवाचक (सार्वनामिक) विशेषण के बारे में जानकारी दी गई है।

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विशेषण किसे कहते हैं? | विशेषण के प्रकार एवं उसकी विशेषताएँ

(307)     2495

वे शब्द जो संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता बताते हैं, 'विशेषण' कहलाते हैं।

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संयुक्त सर्वनाम क्या होते हैं?

(306)     3859

वे सर्वनाम शब्द जो संज्ञा व सर्वनाम शब्दों के मेल से बनते हैं, 'संयुक्त सर्वनाम' कहलाते हैं।

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सम्बन्धवाचक सर्वनाम और प्रश्नवाचक सर्वनाम क्या होते हैं?

(303)     1830

इस लेख में सम्बन्धवाचक सर्वनाम और प्रश्नवाचक सर्वनाम के बारे में जानकारी दी गई है।

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निश्चयवाचक सर्वनाम और अनिश्चयवाचक सर्वनाम क्या होते हैं?

(301)     2234

निश्चयवाचक सर्वनाम में निश्चयात्मकता का बोध होता है। अनिश्चयवाचक सर्वनाम में निश्चयात्मकता का बोध नहीं होता।

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निजवाचक सर्वनाम क्या होते हैं?

(299)     1800

निजवाचक सर्वनाम का रूप 'आप' है।

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पुरूषवाचक सर्वनाम – उत्तमपुरूष, मध्यमपुरूष और अन्यपुरूष

(296)     1789

वे सर्वनाम शब्द, जो पुरुषों के नाम के स्थान पर आते हैं, 'पुरुषवाचक सर्वनाम' कहलाते हैं।

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सर्वनाम क्या है? | संज्ञा और सर्वनाम में अन्तर || सर्वनाम के प्रकार

(293)     2223

वे विकारी शब्द जो पूर्वापर सम्बन्ध के आधार पर किसी संज्ञा शब्द के स्थान पर आते हैं, सर्वनाम कहलाते हैं।

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संज्ञा से सर्वनाम, विशेषण और क्रिया कैसे बनते हैं?

(292)     4994

संज्ञा से सर्वनाम बनाने के लिए संज्ञा शब्द के अन्त में त्व, पन आदि प्रत्यय लगाये जाते हैं।

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संज्ञा क्या है? | संज्ञा के प्रकार– व्यक्तिवाचक, जातिवाचक, द्रव्यवाचक, समूहवाचक, भाववाचक

(291)     6143

वे विकारी शब्द जिनसे किसी विशेष वस्तु, व्यक्ति, स्थान या भाव के नाम का बोध हो, संज्ञा कहलाते हैं।

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रसों का वर्णन - वीर, भयानक, अद्भुत, शांत, करुण || Ras - Veer, Bhayanak, Adbhut, Shant, Karun

(107)     2927

रसों के वर्णन के अन्तर्गत - वीर, भयानक, अद्भुत, शांत, करुण का उदाहरण सहित वर्णन किया गया है।

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अलंकार – ब्याज-स्तुति, ब्याज-निन्दा, विशेषोक्ति, पुनरुक्ति प्रकाश, मानवीकरण, यमक, श्लेष || Alankar- Byajstuti, Byajninda

(106)     16924

जब कथन में देखने और सुनने पर निन्दा सी जान पड़े किन्तु वास्तव में प्रशंसा हो, वहाँ ब्याज-स्तुति अलंकार होता है।

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काव्य गुण - ओज-गुण, प्रसाद-गुण, माधुर्य-गुण || Kavya gun - Oj gun, Prasad Gun, Madhurya Gun

(105)     80705

कविता के बाह्य स्वरूप को देखकर 'काव्य गुणों' की प्रतीति होती है। काव्य में 'माधुर्य', 'प्रसाद' और 'ओज गुण' देखे जाते हैं।

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छंद किसे कहते हैं? || मात्रिक - छप्पय एवं वार्णिक छंद - कवित्त, सवैया || Chhand - Chhappay, Kavitta, Savaiya

(104)     13009

कविता के रचना-विधान को 'छंद' कहते हैं। छंद कविता की गीतात्मकता में वृद्धि करते हैं।

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मध्यप्रदेश की प्रमुख बोलियाँ एवं साहित्य- पत्र-पत्रिकाएँ || Dialects and Literature of Madhya Pradesh - Journals and Magazines

(102)     9421

किसी क्षेत्र विशेष में एक वर्ग या समुदाय के द्वारा बोली जाने वाली भाषा 'बोली' कहलाती है। बोली का क्षेत्र सीमित होता है और इसका साहित्य भी आंचलिक होता है।

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भाव-विस्तार (भाव-पल्लवन) क्या है और कैसे किया जाता है? || Bhav-vistar ya bhav-pallavan kaise kare

(101)     11363

जब किसी वाक्य का भाव हम सरल शब्दों में प्रकट करते हैं तब उसे भाव-विस्तार कहते हैं।

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वाच्य के भेद - कर्तृवाच्य, कर्मवाच्य, भाववाच्य || Vachya- Kartrivachya, Karmvachya, Bhavvachya

(100)     37658

वाक्य में कर्ता, कर्म या भाव की प्रधानता प्रदर्शित करने हेतु जब क्रिया के अलग-अलग रूपों की सूचना मिले तो वहाँ 'वाच्य' होता है।

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अपठित गद्यांश क्या होता है और किस तरह हल किया जाता है || Apathit Gadyansh in Hindi

(99)     29271

गद्यांश बिना पढ़ा हुआ हो गद्यांश हो उसे अपठित गद्यांश कहा जाता है। (गद्यांश अर्थात किसी गद्य यथा- लेख, निबंध, समाचार आदि का एक छोटा सा अंश।)

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भाषा के विविध स्तर- बोली, विभाषा, मातृभाषा || भाषा क्या है? || Boli, Vibhasha, Matribhasha

(98)     6211

भाषा विचारों के आदान-प्रदान और भावों की अभिव्यक्ति का साधन है। भाषा ध्वनि संकेतों का एक समूह, एक अभ्यास एक व्यवस्था है।

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अर्थ के आधार पर वाक्य के प्रकार || Arth ke aadhar par vakyon ke prakar in hindi

(96)     18754

किसी वाक्य में सूचना, निषेध, संदेह की भावना, आज्ञा का बोध, विस्मय का भाव प्रस्तुत होने पर वाक्य के भिन्न-भिन्न प्रकार होते हैं।

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राष्ट्रभाषा क्या है और कोई भाषा राष्ट्रभाषा कैसे बनती है? || Hindi Rastrabha का उत्कर्ष

(93)     3140

जब किसी भाषा को समस्त राष्ट्र की भाषा मान लिया जाता है, तब वह राष्ट्रभाषा कहलाती है।

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मुहावरे और लोकोक्ति का प्रयोग कब और क्यों किया जाता है? || Muhavare and Lokokti

(90)     2936

मुहावरे और लोकोक्ति के प्रयोग से भाषा में सरलता, सरसता, चमत्कार और प्रवाह उत्पन्न होता है।

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हिन्दी में मिश्र वाक्य के प्रकार (रचना के आधार पर) || Vakya ke prakar– Saral, Mishra and Sanyukt

(87)     10786

रचना के आधार पर वाक्य तीन प्रकार के होते हैं– सरल वाक्य, मिश्र वाक्य और संयुक्त वाक्य

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कुण्डलियाँ छंद क्या है? इसकी पहचान एवं उदाहरण || Kundliya Chhand and its example

(85)     4774

कुण्डलिया छन्द में दोहा और रोला छंदों का इस प्रकार मिश्रण रहता है, मानो ये कुण्डली रूप में परस्पर गुथे हुए हैं।

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प्रबंध काव्य और मुक्तक काव्य क्या होते हैं? || Prabandh Kavya and Muktak Kavya kya hote hain?

(83)     36945

जब किसी काव्य में एक कथा का सूत्र विभिन्न छंदों के माध्यम से जुड़ा रहे तो वह प्रबंध काव्य कहलाता है।

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समोच्चारित भिन्नार्थक शब्द– अपेक्षा, उपेक्षा, अवलम्ब, अविलम्ब शब्दों का अर्थ

(82)     3418

समोच्चारित भिन्नार्थक शब्द– जिन शब्दों का उच्चारण लगभग समान हो किन्तु अर्थ भिन्न-भिन्न हो, उन्हें समोच्चारित भिन्नार्थक शब्द कहते हैं।

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भ्रान्तिमान अलंकार, सन्देह अलंकार, पुनरुक्तिप्रकाश अलंकार || Bhrantimaan, Sandeh and Punruktiprakash Alankar

(81)     7218

जहाँ किसी वस्तु में उसी के समान वस्तु का संशय हो जाए और अनिश्चय बना रहे तो वहाँ 'सन्देह अलंकार' होता है।

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अपहनुति अलंकार किसे कहते हैं? || विरोधाभास अलंकार

(77)     2019

जब किसी काव्य रचना के पद (काव्यांश) में किसी सच्ची बात को छिपाकर उसके स्थान पर किसी झूठी बात या वस्तु की स्थापना कर दी जाती है वहाँ अपहनुति अलंकार होता है।

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काव्य में 'प्रसाद गुण' क्या होता है? || What is Prasad Gun in Hindi Kavya

(76)     13393

पाठक बड़े आसानी के साथ है काव्य के अर्थ को ग्रहण कर लेता है तब काव्य के ऐसे गुण को 'प्रसाद गुण' कहते हैं।

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घनाक्षरी छंद और इसके उदाहरण || Ghankshari Chhand and its examples

(72)     25919

ऐसा छंद जिसके एक चरण में कुल 32 वर्ण हों और 8-8 पर यति से 32 वर्ण हों तो ऐसे छन्द को घनाक्षरी छंद (Ghanakshari Chhand) कहते हैं।

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छंद में मात्राओं की गणना कैसे करते हैं? | Chhand me Matrao ki gadna kaise karte hain?

(69)     18165

किसी स्वर के उच्चारण में जो समय लगता है उसकी अवधि को मात्रा कहते हैं।
मात्राएँ – 'हस्व' और 'दीर्घ' होती हैं।

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रस के चार अवयव (अंग) – स्थायीभाव, संचारी भाव, विभाव और अनुभाव || Ras ke Avyav (Ang)

(68)     17633

रस के कुल चार अवयव (अंग) हैं – 1. स्थायीभाव 2. संचारी भाव 3. विभाव 4. अनुभाव।

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रस क्या है? || रस के स्थायी भाव || शान्त एवं वात्सल्य रस || Ras kya hai?

(67)     2583

रस शब्द की व्युत्पत्ति 'रस्यते इति रसः', अर्थात जिससे रस की अनुभूति की जाए।

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शब्द शक्ति- अभिधा शब्द शक्ति, लक्षणा शब्द शक्ति एवं व्यंजना शब्द शक्ति | Shbd Shakti - Abhidha, Lakshna and Vyanjana Shabd Shakti

(66)     47539

शब्द में अर्थ को स्पष्ट करने वाले कार्य व्यापार या साधन 'शब्द शक्ति' कहलाती है।

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पूर्ण विराम का प्रयोग कहाँ होता है || निर्देशक एवं अवतरण चिह्न के उपयोग || Viram Chihna

(64)     2516

किसी भी भाषा के लेखन और उसकी बेहतर समझ के लिए विराम चिन्हों की जानकारी बहुत आवश्यक होती है।

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प्रेरणार्थक / प्रेरणात्मक क्रिया क्या है ? || इनका वाक्य में प्रयोग || Prernatmak / Prernarthak kriya kya hoti hai?

(59)     12721

यदि क्रिया में थोड़ा सा परिवर्तन किया जाये और परिवर्तन के बाद कर्ता के द्वारा कार्य दूसरे से कराए जाने का बोध हो तब वह क्रिया प्रेरणात्मक या प्रेरणार्थक क्रिया बन जाती है।

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द्विरुक्ति शब्द क्या हैं? द्विरुक्ति शब्दों के प्रकार | What is Dwirukti Shabd in Hindi

(55)     17812

एक ही उक्ति शब्द जब दो बार उच्चारित होती है, तो उसे द्विरुक्ति कहते हैं।

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वाक्य रचना में पद क्रम संबंधित नियम | Vakya Rachana me PADKRAM ke niyam in Hindi

(51)     21094

वाक्य रचना की अशुद्धियों का मुख्य कारण व्याकरण के नियमों का सही रूप में न जानना है। वाक्य रचना में पद क्रम संबंधित नियम जानना आवश्यक है।

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योजक चिह्न- योजक चिह्न का प्रयोग कहाँ-कहाँ, कब और कैसे होता है? | Yojak Chihna hindi me

(49)     8478

पृथक शब्दों को जोड़ने वाले चिह्न (-) को योजक चिह्न कहते हैं। इसे सामासिक या विभाजक चिह्न भी कहते हैं।

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व्यंजन एवं विसर्ग संधि | व्यंजन एवं संधि निर्माण के नियम | Vyanjan and Visarg sandhi ke niyam

(48)     6404

हिंदी व्याकरण में संधि प्रकरण महत्वपूर्ण है व्यंजन एवं विसर्ग संधि एवं निर्माण के नियमों के बारे में जानकारी आवश्यक है।

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संधि - स्वर संधि के प्रकार - दीर्घ, गुण, वृद्धि, यण और अयादि | Sandhi - Swar Sandhi ke prakar- Dirgh, Gun, Vridhi, Yan,Ayadi

(47)     23720

संधि का अर्थ जोड़ या जुड़ाव से होता है। स्वर संधि के इन प्रकारों - दीर्घ, गुण, वृद्धि, यण और अयादि को जानना आवश्यक है।

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समास के प्रकार | समास और संधि में अन्तर | What is Samas in Hindi

(45)     6286

"दो या दो से अधिक शब्दों के योग से जब नया शब्द बन जाता है तब उसे सामासिक शब्द और उन शब्दों के योग को समास कहते हैं।"

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मुहावरे और लोकोक्तियाँ | Idioms and Proverbs

(44)     3274

मुहावरे और कहावतें सूत्र वाक्य होते हैं, जिनका अर्थ लक्ष्यार्थ होता है।

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हिन्दी शब्द- पूर्ण पुनरुक्त शब्द, अपूर्ण पुनरुक्त शब्द, प्रतिध्वन्यात्मक शब्द, भिन्नार्थक शब्द

(42)     4847

हिन्दी शब्द ज्ञान के अन्तर्गत पूर्ण पुनरुक्त शब्द, अपूर्ण पुनरुक्त शब्द, प्रतिध्वन्यात्मक शब्द, भिन्नार्थक शब्द की जानकारी आवश्यक होती है।

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शब्द– तत्सम, तद्भव, देशज, विदेशी | रुढ़, यौगिक और योगरूढ़ | अनेकार्थी, शब्द समूह के लिए एक शब्द

(39)     24562

ध्वनियों के मेल से बने सार्थक वर्ण समूह को शब्द कहते हैं। सामान्यतः शब्द भेद- उत्पत्ति और रचना के आधार पर किए जाते हैं।

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